Thursday, 4 June 2015
Sunday, 24 May 2009
Saturday, 23 May 2009
ताजमहल बन जाए अगर
कोई हो गया है मेरा,
मेरी कल्पना से पहले॥
मेरा देवता मगन है,
मेरी वंदना से पहले॥
x------x-----------x-------x------------x
आज चंदा पे सितारों की नजर टेढी है -
फूल कलियों पे बहारो की नजर टेढी है ।
ये डोली कैसे पहुँचेगी पिया के गांव -
भोली दुल्हन पे कहारों की नजर टेढी है ।
x-------------x--------x----------x-------x
उससे मिलती जुलती आवाज कहाँ से लांऊ -
ताज महल बन जाए अगर ,मुमताज कहाँ से लांऊ ॥
बेबस मेरी फ़िक्र है सारी और कलम मजबूर मेरा -
उसको कुछ लिखने के लिए अल्फाज कहाँ से लांऊ,
ताजमहल बन जाए अगर ,मुमताज कहाँ से लांऊ ॥
मेरी कल्पना से पहले॥
मेरा देवता मगन है,
मेरी वंदना से पहले॥
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आज चंदा पे सितारों की नजर टेढी है -
फूल कलियों पे बहारो की नजर टेढी है ।
ये डोली कैसे पहुँचेगी पिया के गांव -
भोली दुल्हन पे कहारों की नजर टेढी है ।
-विकल साकेती
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उससे मिलती जुलती आवाज कहाँ से लांऊ -
ताज महल बन जाए अगर ,मुमताज कहाँ से लांऊ ॥
बेबस मेरी फ़िक्र है सारी और कलम मजबूर मेरा -
उसको कुछ लिखने के लिए अल्फाज कहाँ से लांऊ,
ताजमहल बन जाए अगर ,मुमताज कहाँ से लांऊ ॥
-सागर आजमी
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